राज्य में बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में पूँजी निवेश, रोजगार सृजन एवं राज्य की ग्रामीण आय में वृद्धि के लिए पर्याप्त संभावनाएं हैं। भारत में खाद्यान्न, बागवानी उत्पाद, दूध एवं मांस के कुल उत्पादन के मामलों में कृषि क्षेत्र में उत्तर प्रदेश का प्रमुख स्थान है। बड़े बाजार, उत्पादन की कम लागत एवं मानव संसाधन के अलावा कच्ची उपज की पर्याप्त उपलब्धता के कारण राज्य में बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना के लिए काफी संभावना है। इसलिए, राज्य को एक फूड पार्क राज्य में विकसित करना, उत्तर प्रदेश सरकार का संकल्प है।
उत्तर प्रदेश में विभिन्न कृषि जलवायु क्षेत्रों में वर्ष भर खाद्यान्न, बागवानी, दुग्ध तथा अन्य कृषि उत्पाद हेतु प्रदेश के वृहद उत्पाद को दृष्टिगत रखते हुए यह आवश्यक हो गया है कि अधिशेष (सरप्लस) उत्पाद को मूल्य संवर्द्धन श्रृंखला में परिवर्तित करते हुए प्रसंस्कृृत उत्पाद के रूप में आम जन के लिए सुलभ कराया जाय। प्रदेश में अपेक्षाकृत सहज उपलब्ध श्रम शक्ति, वृहद स्तर पर प्रसंस्करण योग्य उत्पाद एवं इस क्षेत्र में रोजगार सृजन की असीमित सम्भावनाओं को देखते हुए प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों का सुनियोजित विकास को बहुगुणित करने हेतु उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति 2017 की आवश्यकता है।